नए बजट की मुख्य बातें (5W1H)
क्या बदलाव आए हैं?
1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार का बजट 2025-26 लागू होगा, जिसमें आयकर, TDS, TCS, और निवेश से जुड़े कई नए नियम शामिल हैं।
कब लागू होंगे ये बदलाव?
- 1 अप्रैल 2025 से सीधे लागू होंगे टैक्स स्लैब, TDS/TCS नियम।
- सामाजिक योजनाओं का लाभ जून-जुलाई 2025 से मिलना शुरू होगा।
किन लोगों को फायदा होगा?
- नौकरीपेशा वर्ग (मध्यम आय वर्ग)।
- वरिष्ठ नागरिक (FD ब्याज पर छूट)।
- छात्र (विदेश में पढ़ाई के लिए TCS छूट)।
- निवेशक (यूलिप, म्यूचुअल फंड्स)।
क्यों किए गए ये बदलाव?
- मध्यम वर्ग को टैक्स राहत देने के लिए।
- कैश फ्लो में सुधार करने के लिए TDS/TCS सीमा बढ़ाई गई।
- यूलिप का दुरुपयोग रोकने के लिए नए टैक्स नियम।
6 बड़े बदलाव जो 1 अप्रैल से लागू होंगे
1. नए टैक्स स्लैब में बड़ी राहत
- न्यू टैक्स रिजीम के तहत:
- ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं (पहले ₹7 लाख थी सीमा)।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन (₹75,000) मिलने पर कुल छूट ₹12.75 लाख।
- 20-24 लाख की आय पर नया 25% टैक्स स्लैब लागू।
- फायदा:
- मध्यम वर्ग को ₹50,000 से ₹1 लाख तक की बचत।
2. TDS सीमा बढ़ी – किराए और FD पर छूट
- किराए की आय पर TDS:
- पहले: ₹2.4 लाख से अधिक पर TDS कटता था।
- अब: ₹6 लाख तक की किराए की आय पर कोई TDS नहीं।
- वरिष्ठ नागरिकों के FD ब्याज पर:
- पहले: ₹50,000 से अधिक ब्याज पर TDS।
- अब: ₹1 लाख तक की ब्याज आय पर छूट।
- प्रोफेशनल फीस पर TDS:
- पहले: ₹30,000 से अधिक पर 10% TDS।
- अब: ₹50,000 तक की फीस पर कोई TDS नहीं।
3. विदेश में पढ़ाई के लिए TCS सीमा बढ़ी
- पुराना नियम:
- ₹7 लाख से अधिक भेजने पर 0.5% से 5% TCS लगता था।
- नया नियम:
- ₹10 लाख तक की रकम पर कोई TCS नहीं।
- एजुकेशन लोन लेने पर भी पूरी छूट।
- फायदा:
- छात्रों को पूरी रकम बिना कटौती के मिलेगी।
4. अपडेटेड रिटर्न भरने का समय बढ़ा
- पहले:
- टैक्सपेयर्स 24 महीने तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते थे।
- अब:
- 48 महीने (4 साल) तक अपडेटेड रिटर्न जमा कर सकेंगे।
- शर्तें:
- 24-36 महीने के बीच जमा करने पर 60% अतिरिक्त टैक्स।
- 36-48 महीने के बीच जमा करने पर 70% अतिरिक्त टैक्स।
5. यूलिप पर कैपिटल गेन टैक्स लागू
- नया नियम:
- अगर यूलिप का प्रीमियम ₹2.5 लाख/वर्ष से अधिक है, तो:
- 12 महीने से अधिक रखने पर 12.5% LTCG टैक्स।
- 12 महीने से कम रखने पर 20% STCG टैक्स।
- अगर यूलिप का प्रीमियम ₹2.5 लाख/वर्ष से अधिक है, तो:
- प्रभाव:
- हाई-इनकम इन्वेस्टर्स को टैक्स देना होगा।
6. कस्टम ड्यूटी में बदलाव – कुछ सस्ते, कुछ महंगे
सस्ते होने वाले उत्पाद:
- इलेक्ट्रिक वाहन (बैटरी निर्माण पर छूट)।
- 36 लाइफ-सेविंग दवाएं (कस्टम ड्यूटी हटी)।
- आयातित कारें (40,000 USD से महंगी कारों पर छूट)।
महंगे होने वाले उत्पाद:
- स्मार्ट मीटर, LED टीवी, आयातित जूते।
- PVC उत्पाद, नौकाएं, विलासिता की वस्तुएं।
बजट का लाभ कब तक मिलेगा?
- तुरंत (1 अप्रैल 2025 से):
- टैक्स छूट, TDS/TCS नियम।
- कुछ महीनों बाद (जून-जुलाई 2025 से):
- किसानों, महिलाओं और रोजगार योजनाओं का लाभ।
- लंबी अवधि (1-2 साल में):
- सड़क, रेलवे, अस्पताल जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहे नए बजट के नियम मध्यम वर्ग, निवेशकों और छात्रों के लिए फायदेमंद हैं। टैक्स बचत, TDS/TCS में छूट, और निवेश नियमों में बदलाव से आपकी आर्थिक योजनाएं प्रभावित होंगी। इन बदलावों का पूरा लाभ उठाने के लिए समय रहते अपनी वित्तीय रणनीति बनाएं।