आज भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए AI कोस (AI Centre of Excellence) लॉन्च किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा इस पहल का उद्घाटन नई दिल्ली में किया गया। यह न केवल भारत में AI इनोवेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं के लिए नौकरी के नए अवसर भी पैदा करेगा। आइए जानते हैं कि AI कोस क्या है, यह कैसे काम करेगा, और इससे देश के युवाओं को क्या फायदे मिलेंगे।
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AI कोस क्या है?
AI कोस (AI Centre of Excellence) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देश में AI इनोवेशन को बढ़ावा देना है। इसके तहत इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल और डेटा सेट प्लेटफॉर्म लॉन्च किए गए हैं। यह प्लेटफॉर्म भारतीय AI मॉडल्स को विकसित करने और उन्हें प्रशिक्षित करने में मदद करेगा।
इसके अलावा, सरकार ने देश के 27 शहरों में AI डेटा लैब स्थापित करने की घोषणा की है। यह लैब्स AI के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए उपयोगी होंगी।
AI कोस के मुख्य उद्देश्य
- स्वदेशी AI मॉडल्स का विकास: चीन के डीप सीक और OpenAI के चैटजीपीटी जैसे विदेशी AI टूल्स की तर्ज पर भारत अपने स्वदेशी AI मॉडल्स विकसित करेगा।
- कम लागत में GPU एक्सेस: सरकार ने AI टूल्स को होस्ट करने के लिए सब्सिडी वाले GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) उपलब्ध कराए हैं। GPU की दर लगभग ₹7 प्रति घंटा तय की गई है।
- दुनिया का सबसे बड़ा कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर: इस पहल के तहत 18,693 GPU लगाए जाएंगे, जो चीन के डीप सीक AI मॉडल से लगभग 9 गुना बड़ा होगा।
- डेटा सुरक्षा: यह प्लेटफॉर्म भारत में होस्ट किया जाएगा, जिससे यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहेगा और विदेशी कंपनियों के हाथों में नहीं जाएगा।
युवाओं के लिए नए अवसर
AI कोस युवाओं के लिए नौकरी और इनोवेशन के नए रास्ते खोलेगा। यहां कुछ प्रमुख फायदे हैं:
- सस्ते में AI टूल्स का उपयोग: युवा सस्ते दरों पर AI टूल्स का उपयोग कर सकेंगे, जिससे कोडिंग, डेवलपमेंट, प्रेजेंटेशन बनाने जैसे काम आसान होंगे।
- रिसर्च और स्टार्टअप्स को बढ़ावा: स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स को सब्सिडी वाले GPU और डेटा सेट्स मिलेंगे, जिससे AI इनोवेशन को गति मिलेगी।
- नौकरी के अवसर: AI डेटा लैब्स और AI मॉडल्स के विकास से IT, टेक्नोलॉजी, और AI सेक्टर में हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी।
भारत का AI भविष्य
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत अगले 3-4 वर्षों में अपने स्वदेशी GPU विकसित करेगा और AI, सेमीकंडक्टर, और डीप टेक जैसे क्षेत्रों में दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल होगा। सरकार ने इस मिशन के लिए ₹371 करोड़ का बजट भी मंजूर किया है।
इसके अलावा, सरकार का लक्ष्य है कि भारत AI, सेमीकंडक्टर, और डीप टेक जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके। इसके लिए सरकार ने AI इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
AI कोस का समाज पर प्रभाव
AI कोस न केवल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में, बल्कि चिकित्सा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में भी क्रांति लाएगा। AI का उपयोग करके भारत की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान भी खोजा जा सकेगा।
- चिकित्सा और स्वास्थ्य: AI का उपयोग करके बीमारियों का पता लगाना और उपचार करना आसान होगा।
- शिक्षा: AI के जरिए छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी।
- कृषि: AI टूल्स का उपयोग करके किसानों को बेहतर फसल योजना और मौसम पूर्वानुमान मिलेगा।
AI कोस के लाभ
- डेटा सुरक्षा: यह प्लेटफॉर्म भारत में होस्ट किया जाएगा, जिससे यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहेगा।
- स्वदेशी AI मॉडल्स: भारत अपने स्वदेशी AI मॉडल्स विकसित करेगा, जो विदेशी टूल्स पर निर्भरता कम करेगा।
- युवाओं के लिए अवसर: AI कोस युवाओं के लिए नौकरी और इनोवेशन के नए रास्ते खोलेगा।
AI कोस को यूज़ कैसे करें
1 .यहां लिंक दिया गया है :- https://aikosha.indiaai.gov.in/
निष्कर्ष
AI कोस भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह न केवल देश को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा। अगर आपके मन में AI कोस से जुड़े कोई सवाल हैं, तो कमेंट करके जरूर पूछें।