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डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो टैरिफ पर अस्थायी रोक: USMCA समझौते के तहत कनाडा-मैक्सिको को मिली राहत, अमेरिकी उद्योग को कैसे मिलेगा फायदा?

डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो टैरिफ पर अस्थायी रोक: USMCA समझौते के तहत कनाडा-मैक्सिको को मिली राहत, अमेरिकी उद्योग को कैसे मिलेगा फायदा?

डोनाल्ड ट्रंप-फोटो-BBC

ट्रंप के ऑटो टैरिफ फैसले की पूरी जानकारी 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25% के ऑटोमोबाइल टैरिफ को 2 अप्रैल 2025 तक स्थगित कर दिया है। यह फैसला कनाडाऔर मैक्सिको में उत्पादित वाहनों और उनके पुर्जों पर लागू होने वाले शुल्क को रोकता है। USMCA समझौते (यूएस-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौता) के तहत, अमेरिका को इन देशों से आयातित ऑटो उत्पादों पर टैरिफ में छूट देनी होती है। ट्रंप प्रशासन का यह कदम फोर्डजनरल मोटर्स, और स्टेलेंटिस जैसी कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने का समय देने के लिए उठाया गया है। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि यह राहत अस्थायी है और कंपनियों को “अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश तेज करने” का निर्देश दिया गया है।


क्या है USMCA समझौता और टैरिफ से इसका कनेक्शन? 

USMCA (United States-Mexico-Canada Agreement), जो 2020 में लागू हुआ, ने पुराने NAFTA समझौते की जगह ली। इसका मुख्य उद्देश्य तीनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बनाना और ऑटो सेक्टर में नियमों को सख्त करना है। समझौते के तहत:


ट्रंप ने अचानक टैरिफ क्यों टाला? 3 प्रमुख कारण 

  1. ऑटो कंपनियों का दबाव: फोर्ड और जनरल मोटर्स जैसी कंपनियों ने तर्क दिया कि टैरिफ से उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिसका असर कीमतों और नौकरियों पर पड़ेगा।
  2. USMCA के नियमों का पालन: समझौते के तहत, अमेरिका को कनाडा-मैक्सिको को कुछ छूटें देना अनिवार्य है। ट्रंप ने इसका उपयोग रणनीतिक समझौते के रूप में किया।
  3. 2024 के चुनावों की राजनीति: ट्रंप चाहते हैं कि ऑटो सेक्टर में नौकरियाँ बढ़ें, ताकि मध्यवर्गीय मतदाताओं को लुभाया जा सके।

ऑटो कंपनियों की प्रतिक्रिया: सकारात्मकता के पीछे की चिंताएँ 

फोर्ड का स्टैंड 

फोर्ड के प्रवक्ता ने कहा, “हम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे।” हालांकि, कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में निवेश बढ़ाने के लिए समय चाहिए।

जनरल मोटर्स और स्टेलेंटिस की रणनीति 

छिपी हुई चुनौतियाँ 


विशेषज्ञों की नजर में टैरिफ के प्रभाव 

कीमतों पर असर 

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के अर्थशास्त्री डॉ. एलन सीमर के अनुसार:

नौकरियों का खतरा 


2025 के बाद क्या होगा? 4 संभावित परिदृश्य 

  1. अमेरिका में उत्पादन बढ़ेगा: कंपनियाँ नए प्लांट्स खोलेंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
  2. कीमतों में भारी उछाल: ग्राहकों को कारें खरीदने के लिए अधिक कर्ज लेना पड़ सकता है।
  3. USMCA समझौते का पुनर्निरीक्षण: ट्रंप प्रशासन दबाव बनाकर समझौते के नियमों को और सख्त कर सकता है।
  4. वैश्विक व्यापार युद्ध: यूरोप और एशिया की कंपनियाँ अमेरिकी नीतियों के खिलाफ प्रतिशोधी टैरिफ लगा सकती हैं।

कंपनियों के सामने 5 बड़ी चुनौतियाँ 

  1. सप्लाई चेन का पुनर्गठन: मैक्सिको-कनाडा से पुर्जों का आयात कम करना।
  2. नई तकनीक में निवेश: इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर फोकस बढ़ाना।
  3. श्रम लागत प्रबंधन: अमेरिका में उच्च वेतन दरों के साथ तालमेल बिठाना।
  4. समय सीमा का दबाव: 2025 तक उत्पादन शिफ्ट करने की रणनीति बनाना।
  5. ग्राहकों का विश्वास बनाए रखना: कीमतें बढ़ने के बावजूद बाजार में टिके रहना।

निष्कर्ष: ट्रंप की रणनीति क्या सफल होगी? 

ट्रंप का यह कदम अमेरिकी उद्योग को प्राथमिकता देने की नीति का हिस्सा है। हालांकि, इसके दीर्घकालिक परिणाम जोखिम भरे हो सकते हैं। अगर कंपनियाँ उत्पादन शिफ्ट नहीं कर पाती हैं, तो नौकरियाँ और अर्थव्यवस्था दोनों प्रभावित होंगे। 2025 के बाद का परिदृश्य इस बात पर निर्भर करेगा कि ऑटो कंपनियाँ कितनी तेजी से अमेरिका-केंद्रित मॉडल अपनाती हैं।

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