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क्या मार्क जुकरबर्ग को इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप बेचने पड़ेंगे? FTC के एंटीट्रस्ट केस की पूरी जानकारी

मेटा vs FTC: एंटीट्रस्ट केस की पृष्ठभूमि

सोशल मीडिया दिग्गज मेटा (पहले फेसबुक) के खिलाफ अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने एक बड़ा एंटीट्रस्ट केस दायर किया है। इस केस में आरोप लगाया गया है कि मेटा ने इंस्टाग्राम (2012) और व्हाट्सएप (2014) को जानबूझकर कॉम्पिटिशन खत्म करने के लिए खरीदा था। अगर FTC इस मामले में जीत जाता है, तो मार्क जुकरबर्ग को इन दोनों प्लेटफॉर्म्स को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

मुख्य आरोप:

  • मेटा ने इंस्टाग्राम (1बिलियन)∗∗और∗∗व्हाट्सएप(1बिलियन)∗∗और∗∗व्हाट्सएप(22 बिलियन) को खरीदकर सोशल मीडिया मार्केट में एकाधिकार (Monopoly) बना लिया।
  • FTC का दावा है कि इन खरीदारियों का मकसद कॉम्पिटिशन को खत्म करना था, न कि यूजर्स को बेहतर सर्विस देना।
  • 2012 में इंस्टाग्राम की खरीदारी के समय, यह प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहा था और फेसबुक के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था।
  • 2014 में व्हाट्सएप की खरीदारी के बाद, मेटा ने मैसेजिंग मार्केट पर भी पूरा कंट्रोल हासिल कर लिया।

FTC का पक्ष: क्यों चाहती है मेटा से इंस्टाग्राम-व्हाट्सएप की बिक्री?

FTC का मानना है कि मेटा ने गलत तरीके से अपना मार्केट डोमिनेंस बनाया है। उनके तर्कों के मुख्य बिंदु हैं:

1. कॉम्पिटिशन को खत्म करने का इरादा

  • जुकरबर्ग के ईमेल और बयान इस बात का सबूत हैं कि उन्होंने इंस्टाग्राम को सिर्फ इसलिए खरीदा क्योंकि यह फेसबुक के लिए बड़ा खतरा बन रहा था।
  • वेंडरबिल्ट लॉ स्कूल की प्रोफेसर रेबेका हॉ एलेंसवर्थ के अनुसार, “जुकरबर्ग ने इंस्टाग्राम को इसलिए खरीदा ताकि फेसबुक को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।”

2. यूजर्स के लिए नुकसान

  • कम कॉम्पिटिशन का मतलब है कम इनोवेशन
  • अगर मार्केट में कोई प्रतिस्पर्धी नहीं होगा, तो मेटा यूजर्स को बेहतर फीचर्स देने के लिए मजबूर नहीं होगा।

3. FTC की भूमिका

  • FTC ने ही 2012 और 2014 में इन डील्स को अप्रूवल दिया था, लेकिन अब उसका कहना है कि मेटा ने नियमों का दुरुपयोगकिया है।
  • अगर FTC जीत जाता है, तो वह मेटा को तोड़ने का आदेश दे सकता है, जिसमें इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को अलग करना शामिल हो सकता है।

मेटा का पक्ष: क्यों नहीं बेचना चाहते इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप?

मेटा ने इस केस का जोरदार विरोध किया है और अपने पक्ष में कई तर्क दिए हैं:

1. यूजर्स को फायदा हुआ है

  • मेटा का दावा है कि इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की खरीदारी के बाद यूजर्स का एक्सपीरियंस बेहतर हुआ है।
  • इंस्टाग्राम को फेसबुक के साथ इंटीग्रेट करने से एडवरटाइजर्स और क्रिएटर्स को फायदा मिला।

2. “इरादा” मायने नहीं रखता

  • मेटा का कहना है कि एंटीट्रस्ट केस में सिर्फ इरादा नहीं, बल्कि परिणाम मायने रखते हैं।
  • उनका तर्क है कि अगर यूजर्स को फायदा हुआ है, तो यह डील कानूनी है।

3. FTC का केस कमजोर है

  • मेटा का मानना है कि FTC के पास पुख्ता सबूत नहीं हैं कि इन खरीदारियों से मार्केट को नुकसान हुआ है।
  • वे कोर्ट में लड़ने के लिए तैयार हैं और आश्वस्त हैं कि जीतेंगे

संभावित परिणाम: क्या होगा अगर मेटा हार गया?

अगर FTC इस केस में जीत जाता है, तो इसके बड़े परिणाम हो सकते हैं:

1. इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की बिक्री

  • मेटा को दोनों प्लेटफॉर्म्स को बेचने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
  • इससे सोशल मीडिया इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आ सकता है।

2. मार्क जुकरबर्ग और शेरिल सैंडबर्ग को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है

  • इस मामले में जुकरबर्ग और पूर्व COO शेरिल सैंडबर्ग को गवाही देने के लिए बुलाया जा सकता है।

3. टेक इंडस्ट्री पर असर

  • अगर मेटा हारता है, तो Google, Amazon, Apple जैसी बड़ी कंपनियों पर भी एंटीट्रस्ट केस बढ़ सकते हैं।
  • यह टेक जायंट्स के लिए एक बड़ा संदेश होगा कि वे मोनोपॉली न बनाएं।

निष्कर्ष: क्या जुकरबर्ग अपने प्लेटफॉर्म्स बचा पाएंगे?

यह केस सोशल मीडिया इंडस्ट्री के भविष्य के लिए बेहद अहम है। अगर FTC जीतता है, तो मेटा को इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप से हाथ धोना पड़ सकता है, जो उसके बिजनेस मॉडल के लिए एक बड़ा झटका होगा।

वहीं, अगर मेटा जीतता है, तो यह टेक कंपनियों के लिए एक बड़ी राहत होगी, और वे भविष्य में भी एक्विजिशन करते रहेंगे।

पूरी दुनिया की नजर इस केस पर है, क्योंकि इसका फैसला इंटरनेट की दिशा तय कर सकता है।

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