हाल ही में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर को नोटिस जारी किया है। कारण यह है कि आईफोन और एंड्रॉयड फोन से कैब बुकिंग करने पर अलग-अलग किराया दिखाया जा रहा है। इस मामले ने उपभोक्ताओं के बीच हलचल मचा दी है।
CCPA का सख्त रुख
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए CCPA को जांच के आदेश दिए। यह मामला तब उभर कर आया जब शिकायतकर्ताओं ने बताया कि एक ही सेवा के लिए अलग-अलग डिवाइस पर अलग किराया दिखाया जा रहा है। CCPA ने ओला और उबर से पूछा है कि वे अपनी किराया निर्धारण प्रक्रिया को स्पष्ट करें और यह भी बताएं कि अलग-अलग किराया वसूलने का आधार क्या है।
क्या है विवाद?
कई रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि एंड्रॉयड और आईफोन यूजर्स के लिए एक ही रूट पर अलग-अलग किराए दिखाए जाते हैं। इस बात को लेकर दिसंबर में एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुई थी, जिसमें एक उपयोगकर्ता ने दोनों डिवाइस पर किराए की तुलना करते हुए स्क्रीनशॉट साझा किए थे।
उबर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे कई फैक्टर्स जैसे पिकअप पॉइंट, ड्रॉप-ऑफ लोकेशन, और एस्टीमेटेड अराइवल टाइम (ETA) के आधार पर होने वाला अंतर बताया। हालांकि, यह तर्क सभी को संतुष्ट नहीं कर पाया।
किराए में अंतर का उदाहरण
भोपाल में एमपी नगर से राजाभोज एयरपोर्ट के लिए ओला एप से किराए की तुलना की गई।
- एंड्रॉयड पर दिखाया गया किराया: 310-301 रुपए
- आईफोन पर दिखाया गया किराया: 322-368 रुपए
हालांकि, दूसरी बार चेक करने पर एंड्रॉयड का किराया अधिक दिखा। यह अंतर केवल डिवाइस तक सीमित नहीं है बल्कि यूजर बिहेवियर से भी जुड़ा हुआ है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एप आपके उपयोग के पैटर्न को ट्रैक करती हैं और नियमित यूजर्स को अधिक शुल्क दिखा सकती हैं।
एप कैसे ट्रैक करती हैं उपयोगकर्ता?
कैब एग्रीगेटर्स के एप यूजर डेटा को एनालाइज करते हैं। यह एप आपकी बुकिंग आदतों, लोकेशन हिस्ट्री, और यात्रा आवृत्ति को ट्रैक कर सकती है। इस डेटा का उपयोग किराए तय करने में किया जाता है।
CCPA ने क्या कदम उठाए हैं?
CCPA ने ओला और उबर को निर्देश दिया है कि वे अपनी किराया निर्धारण प्रक्रिया का पूरा विवरण साझा करें। यह नोटिस उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ओला और उबर की सफाई
उबर ने पहले ही इन आरोपों को खारिज किया है और इसे तकनीकी कारणों से होने वाला अंतर बताया है। वहीं, ओला की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
उपभोक्ताओं के लिए जरूरी जानकारी
- कैब बुक करते समय दोनों डिवाइस (एंड्रॉयड और आईफोन) पर किराए की तुलना जरूर करें।
- यदि आपको किराए में कोई असामान्यता दिखे तो इसकी शिकायत उपभोक्ता हेल्पलाइन पर करें।
- अपनी बुकिंग हिस्ट्री और एप डेटा पर नजर रखें।
निष्कर्ष
ओला और उबर जैसे बड़े कैब एग्रीगेटर्स को उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखते हुए अपनी किराया नीति को पारदर्शी बनाना चाहिए। CCPA का यह कदम उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए एक सकारात्मक दिशा में है।