ओला और रोस्मार्टा विवाद का समाधान
इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओला इलेक्ट्रिक और रोस्मार्टा ग्रुप के बीच ₹26.75 करोड़ के बकाया भुगतान को लेकर चल रहा विवाद अब सुलझ गया है। रोस्मार्टा ने ओला के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दायर की गई दिवालियापन याचिका वापस ले ली है। इस खबर के बाद ओला के शेयरों में 3.6% की तेजी देखी गई, हालांकि बाद में यह 3.19% की गिरावट के साथ ₹53.95 पर बंद हुआ।
मामले की पृष्ठभूमि
- रोस्मार्टा डिजिटल, जो हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाती है, ने ओला पर बकाया भुगतान न करने का आरोप लगाया था।
- इसके बाद, रोस्मार्टा ने NCLT बेंगलुरु में दिवालियापन कार्यवाही के लिए याचिका दायर की थी।
- ओला ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
- अब दोनों कंपनियों के बीच समझौता हो गया है, और याचिका वापस ले ली गई है।
3 मुख्य बिंदुओं में समझें पूरा विवाद
1. बकाया भुगतान को लेकर विवाद
रोस्मार्टा ने दावा किया था कि ओला ने उसके साथ किए गए समझौते के तहत ₹26.75 करोड़ का भुगतान नहीं किया। इसके बाद, रोस्मार्टा ने कर्ज वसूली के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की।
2. NCLT में दिवालियापन याचिका
रोस्मार्टा ने ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (ओला की सहायक कंपनी) के खिलाफ दिवालियापन याचिका दायर की थी। इस याचिका में कंपनी पर भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था।
3. समझौता और याचिका वापसी
दोनों कंपनियों के बीच बातचीत के बाद मामला सुलझ गया। रोस्मार्टा ने NCLT में एक आधिकारिक मेमो दाखिल कर याचिका वापस ले ली।
ओला के शेयरों पर प्रभाव
इस खबर के बाद ओला के शेयरों में तेजी देखी गई। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में शेयर 3.6% चढ़ गए, लेकिन बाद में 3.19%की गिरावट के साथ ₹53.95 पर बंद हुए। यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के बीच अनिश्चितता को दर्शाता है।
शेयर प्रदर्शन: हालिया ट्रेंड
दिनांक | शेयर की कीमत (₹) | परिवर्तन (%) |
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मंगलवार (शुरुआत) | 55.80 | +3.6% |
मंगलवार (बंद) | 53.95 | -3.19% |
पिछले 1 महीने में | 48.50 से 56.20 | उतार-चढ़ाव |
ओला के शोरूम्स पर RTO की कार्रवाई
इस बीच, ओला के देशभर के शोरूम्स पर RTO (राज्य परिवहन विभाग) की कार्रवाई जारी है। शिकायतों के आधार पर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 32 से अधिक शोरूम्स पर छापेमारी की गई है।
प्रमुख छापेमारी की घटनाएं
- 8 मार्च: देशभर में कई शोरूम्स पर छापा, 50+ इलेक्ट्रिक वाहन जब्त।
- 12 मार्च: जबलपुर (MP) में 14 वाहन सीज किए गए।
- 18-19 मार्च: मुंबई और पुणे में 26 शोरूम्स पर छापा, 36 वाहन जब्त।
छापेमारी का कारण
- ट्रेड सर्टिफिकेट का अभाव: अधिकांश शोरूम्स के पास मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जरूरी लाइसेंस नहीं थे।
- अनरजिस्टर्ड वाहनों की बिक्री: बिना रजिस्ट्रेशन के वाहनों को डिस्प्ले और बेचा जा रहा था।
ओला की चुनौतियां: 95% शोरूम्स में सर्टिफिकेशन नहीं
ओला ने 2022 से अब तक 4,000+ शोरूम्स खोले हैं, लेकिन इनमें से केवल 100 के पास ही ट्रेड सर्टिफिकेट हैं। यानी, 95% से अधिक शोरूम्स बिना कानूनी अनुमति के काम कर रहे हैं।
मुख्य समस्याएं
✔ अनुपालन की कमी: ज्यादातर शोरूम्स में बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं।
✔ RTO की कार्रवाई: राज्य सरकारें कानूनी अनुपालन को लेकर सख्त हो रही हैं।
✔ ब्रांड इमेज को खतरा: लगातार छापेमारी से ग्राहकों का भरोसा कमजोर हो रहा है।