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1 अप्रैल से इनएक्टिव मोबाइल नंबर्स पर बंद होगा UPI: NPCI का साइबर फ्रॉड रोकने का बड़ा कदम

मुख्य जानकारी

  • क्या? NPCI ने इनएक्टिव मोबाइल नंबर्स को UPI से डिलिंक करने का निर्णय लिया है।
  • कब? यह नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा।
  • कहाँ? भारत में सभी UPI-लिंक्ड बैंक अकाउंट्स और पेमेंट ऐप्स (Google Pay, PhonePe, Paytm आदि) पर लागू।
  • क्यों? साइबर फ्रॉड और अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए।
  • कौन? NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने यह निर्णय लिया है।
  • कैसे? बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स हर हफ्ते इनएक्टिव नंबर्स की जांच करेंगे और उन्हें UPI से हटा देंगे।

1. NPCI का नया नियम: इनएक्टिव नंबर्स पर UPI बंद

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर एक नया सुरक्षा नियम लागू किया है। 1 अप्रैल 2024 से, अगर किसी यूजर का मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है या बंद होने के बाद दोबारा एक्टिव किया गया है, तो उसे UPI सिस्टम से डिलिंक कर दिया जाएगा।

किन यूजर्स पर पड़ेगा असर?

  • जिनके बैंक अकाउंट में पुराना या बंद मोबाइल नंबर लिंक्ड है।
  • जिन्होंने नंबर बदला है, लेकिन बैंक में अपडेट नहीं कराया।
  • जिनका नंबर 90 दिनों से एक्टिव नहीं है।

बैंक और पेमेंट ऐप्स क्या करेंगे?

  • हर हफ्ते इनएक्टिव नंबर्स की जांच करेंगे।
  • यूजर्स को अलर्ट मैसेज भेजेंगे।
  • चेतावनी के बाद भी नंबर एक्टिव न होने पर UPI सर्विस बंद कर देंगे।

2. साइबर फ्रॉड रोकने के लिए NPCI की योजना

NPCI ने यह कदम साइबर ठगी और अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए उठाया है। कई बार, बंद मोबाइल नंबर्स को टेलीकॉम कंपनियां दूसरे यूजर्स को दे देती हैं। अगर पुराने नंबर से बैंक अकाउंट लिंक्ड है, तो नया यूजर फ्रॉड कर सकता है

फ्रॉड के प्रमुख तरीके:

  1. पुल ट्रांजैक्शन का दुरुपयोग – मर्चेंट फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं।
  2. ओटीपी फिशिंग – इनएक्टिव नंबर के नए मालिक को OTP मिलता है।
  3. अनऑथराइज्ड UPI लिंकिंग – पुराने नंबर से नया UPI ID बनाकर पैसे निकाले जाते हैं।

3. पुल ट्रांजैक्शन फीचर भी हो सकता है बंद

NPCI, UPI पुल ट्रांजैक्शन पर भी रोक लगाने पर विचार कर रहा है। इस फीचर में:

  • मर्चेंट या व्यक्ति पेमेंट रिक्वेस्ट भेजता है।
  • यूजर सिर्फ UPI पिन डालकर पेमेंट करता है।

क्यों हो सकता है बंद?

  • फर्जी ट्रांजैक्शन बढ़ रहे हैं।
  • कुछ मर्चेंट्स अनचाही रिक्वेस्ट भेजकर पैसे काट लेते हैं।
  • यूजर्स बिना जांचे पेमेंट कर देते हैं।

अगर पुल ट्रांजैक्शन बंद हुआ तो क्या होगा?

  • पुश ट्रांजैक्शन (QR कोड/मोबाइल नंबर से पेमेंट) जारी रहेगा।
  • यूजर्स को खुद अमाउंट एंटर करना होगा, जिससे फ्रॉड कम होगा।

4. यूजर्स क्या करें? सुरक्षित रहने के टिप्स

अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

1. मोबाइल नंबर एक्टिव रखें

  • अगर आपका नंबर बदला है, तो बैंक में अपडेट कराएं।
  • 90 दिनों से इनएक्टिव नंबर्स को तुरंत एक्टिव कराएं।

2. पुल ट्रांजैक्शन पर सावधानी

  • केवल विश्वसनीय मर्चेंट्स से आई रिक्वेस्ट स्वीकार करें।
  • अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।

3. UPI सुरक्षा बढ़ाएं

  • UPI पिन किसी के साथ शेयर न करें।
  • बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (फिंगरप्रिंट/फेस आईडी) का इस्तेमाल करें।

5. UPI का भविष्य और सरकार की योजनाएं

सरकार डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दे रही है। कुछ प्रमुख लक्ष्य:

  • 2025-26 तक 20,000 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन पूरे करना।
  • गांवों और छोटे शहरों में UPI को बढ़ावा देना।
  • RuPay और BHIM-UPI पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) जीरो रखा गया है, ताकि दुकानदार इसे अपनाएं।

UPI के फायदे

✅ तेज और सुरक्षित पेमेंट
✅ बिना चार्ज पैसा ट्रांसफर
✅ QR कोड/मोबाइल नंबर से आसान पेमेंट


निष्कर्ष

NPCI का यह निर्णय UPI को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर आपका मोबाइल नंबर इनएक्टिव है, तो 1 अप्रैल से पहले इसे एक्टिव कराएं, नहीं तो UPI सर्विस बंद हो सकती है। साथ ही, पुल ट्रांजैक्शन पर नए नियम आने की संभावना है, जिससे फ्रॉड कम होगा।

अगर आप UPI यूजर हैं, तो इन सुरक्षा उपायों को अपनाकर सुरक्षित रहें!

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